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Shayari Messages

277 Messages

*कुछ गम, कुछ ठोकरें, कुछ चीखें उधार देती है*
*कभी-कभी जिंदगी, मौत आने के पहले ही मार देती है...*

ऐ मांझी तेरी कश्ती के तलबदार बहुत हैं,
इस पार बहुत हैं, उस पार बहुत हैं।
जिस शहर में बनाया है तूने शीशे का मकान,
उस शहर में पत्थर के खरीदार बहुत हैं।।

पीने पिलाने की क्या बात करते हो कभी हम भी पिया करते थे
जितनी तुम जाम मेँ लिए बैठते हो उतनी हम पैमाने मेँ छोङ दिया करते थे

हम तो तेरे दिल की महफिल सजाने आऐ थे..💜
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आऐ थे..💓
किस बात की सज़ा दी तुने हमको बेवफा..💜
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आऐ थे..

सूरज की फिक्र है कि अंँधेरा कहीं ना हो,
और रात अमावस को लिये घूम रही है!!

आपको चेहरे से भी , बीमार होना चाहिए ।।

इश्क है तो , इश्क का इजहार होना चाहिए।।

एरे- गैरे लोग भी , पढने लगे है आजकल

आपको लड़की नहीं, अखबार होना चाहिए।।

Message Pitara

रिश्तों के दलदल से कैसे निकलेंगे….
जब हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे!

वो लफ्ज कहाँ से लाऊं जो तुझको मोम कर दें,
मेरा वजूद पिघल रहा है तेरी बेरूखी से !!

बेबस बना रखा है किसी की यादने इस कदर

निंद तो आ रही है मगर दिल सोने नहीं देता

जिनकी शायरीयों मे होती है खामोश सिसकीयां,
वो शायर नहीं, बल्कि किसी के दीवाने होते हैं..!

🍃🍂बहुत याद आती हो …………..”तुम”
सिर्फ़ ......"तुम"
दुआ करो मेरी याददाश्त चली जाये….🍂🍃

आज फिर उस पन्ने के तरफ धयान गया,
लिखा था तुमने जिस पर
फिर मिलेंगे....
सहेज के रखा है अब तक मैंने उस पन्ने को...

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🍃🍂बहुत याद आती हो …………..”तुम”
सिर्फ़ ......"तुम"
दुआ करो मेरी याददाश्त चली जाये….🍂🍃

आज फिर उस पन्ने के तरफ धयान गया,
लिखा था तुमने जिस पर
फिर मिलेंगे....
सहेज के रखा है अब तक मैंने उस पन्ने को...
कि बस एक वही तो है जिसकी वजह से,
उम्मीद अब भी है मुझे, तुम वापस आओगी....

उसी पन्ने के एक कोने पे ये भी लिखा था तुमने..
हमेशा मुस्कुराते रहना,हर पल मैं साथ रहूंगी..
आज भी मुश्किल दिनों में,
वो बातें लिखी हुई ,
मेरे चेहरे पे मुस्कान दे जाती है....
तुम बहुत याद आती हो..

ये व्यक्तित्व की गरिमा है कि फूल कुछ नही कहते,
वरना कभी ,कांटों को मसलकर दिखाईये.....!!!

💕💕बाँध दे कोई काला धागा.....
नज़र-ए-उलफत का.....
बेपनाह इश्क है आपसे
कोई नजर ना लगा दे — !!!!💕

उम्र की दहलीज़ पर जब सांझ की आहट होती है...
तो ख़्वाहिशें थम जाती हैं, सुकून की तलाश बढ़ जाती है!

जिम्मेदारियों की कोई उम्र नहीं होती…
कोई बचपन से निभाता है तो,
कोई पचपन में भी टाल जाता है…

तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता.

हमारी जिंदगी तो अंधेरों में गुजरती है ग़ालिब,
वो और लोग हैं जो इन्वर्टर लगा लेते हैं

आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा है,
बिल्लियाँ तो बेचारी बेरोज़गार बैठी है !!

मैं अपनों को मिलने से कतराता हूँ,
एक अौर नए धोखे से घबराता हूँ!

ऊपर जिसका अंत नहीं उसे ‘आसमां’ कहते हैं,
इस जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे ‘माँ’ कहते हैं..!!

पला पोसा बड़ा किया, कष्ट दिया न कोय,
अपनी तो संतान की चिंता, हर माँ-बाप को होय।
यही जीवन का सार है, यही हैं पालनहार,
आज्ञा में जो रहे इनकी, सब खुशियाँ मिलती तोय।
--------------- माँ पिता  --------------

Message Pitara

जो खोटे सिक्के कभी चले नहीं बाजार में,
आज कमियां ढूंढ रहे हैं हमारे किरदार में!

Message Pitara

तेरी मोहब्बत भी ... किराए के घर ... की तरह थी ..

कितना भी ... सजाया पर ..... मेरी नहीं हुई

जो परिन्दे उड गये उनका क्या अफसोस करेँ,
यहाँ तो पाले हुये ही गैरोँ की छतोँ पर उतरते हैँ।

Message Pitara

जिंदगी इंसान को क्या-क्या सिखा देती है....
मंजिल की ख्वाहिश देकर मुसाफिर बना देती है!

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