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R Kumar

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मॉर्निंग वॉक के बाद डॉक्टरों का एक ग्रुप चौराहे पर चाय पी रहा था।

दूर से एक आदमी लंगडाता हुआ आ रहा था...

एक डॉक्टर ने पुछा - "क्या हुआ होगा उसे ?"

पहला बोला - "Left knee arthritis"।

दूसरा बोला - "ना ना, मेरे हिसाब से Plantar Faci

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मॉर्निंग वॉक के बाद डॉक्टरों का एक ग्रुप चौराहे पर चाय पी रहा था।

दूर से एक आदमी लंगडाता हुआ आ रहा था...

एक डॉक्टर ने पुछा - "क्या हुआ होगा उसे ?"

पहला बोला - "Left knee arthritis"।

दूसरा बोला - "ना ना, मेरे हिसाब से Plantar Facitis'।

तीसरा बोला - "कुछ भी क्या ? Ankle sprain लग रहा है"।

चौथा बोला - "अबे सालों ज़रा ठीक से देखो, वह आदमी एक पैर ठीक से उठा नहीं पा रहा। Foot drop जैसा है। उसके Lower motor neurons की लग गयी है !"

पांचवा बोला - "मुझे तो यह Hemiplegia का scissors gate लग रहा है"।

छठा कुछ बोलता तब तक आदमी पास पहुँच चुका था। उसने सबसे बडी विनम्रता से पूछा - "यहाँ कहीं आसपास मोची की दुकान है क्या? वो क्या है कि, मेरी चप्पल का अंगूठा टूट गया है !"

देश के हालात कुछ ऐसे ही हैं..!
किसी को विषय का ज्ञान हो ना हो, मगर ज्ञान बांटना जरूरी है...!!इन शार्ट बाँटना jaroori है

😃😃😃😃😀😀😀😄😄😄😅

ज़िन्दगी में एक मोड़ ऐसा आता है,
जहां सिर्फ और सिर्फ
दोस्त की ज़रूरत होती है।
मैं भी उस मोड़ पर हूँ,
उस  पुरानी से पुरानी
किताब के पन्ने की तरह ज़र्ज़र,
जिसे छूते ही फट जाती है।
पिघले हुए मोम की तरह,
 उसके तल पर जमी हुई।
उस दोस्त को तलाशती,
ज़िन्दगी के उस मोड़ पर,
जहां सिर्फ और सिर्फ
दोस्त की ज़रूरत होती है।

ll शुभ दीपावली ll
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्र्वरी ।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ।।

शुभम करोति कल्याणम,
अरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशायः,
दीपःज्योति नमोस

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ll शुभ दीपावली ll
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्र्वरी ।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ।।

शुभम करोति कल्याणम,
अरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशायः,
दीपःज्योति नमोस्तुते।।

आपको ओर आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओॅ के साथ

"प्रकाश व प्रसन्नता के पर्व दीपावली पर बहुत बहुत मंगलकामनाएं। धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ।"

ll शुभ दीपावली ll

पर्व है पुरुषार्थ का
दीप के दिव्यार्थ का

देहरी पर दीप एक जलता रहे
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे

हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा
जीतेगी उजियारे की स्वर्ण-लालिमा

दीप ही ज्योति का प्रथम त

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पर्व है पुरुषार्थ का
दीप के दिव्यार्थ का

देहरी पर दीप एक जलता रहे
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे

हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा
जीतेगी उजियारे की स्वर्ण-लालिमा

दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है
कायम रहे इसका अर्थ, वर्ना व्यर्थ है

आशीषों की मधुर छाँव इसे दे दीजिये
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिये !!

झिलमिल रौशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना !!

दीपावली की शुभकामनायें

मिठाइयाँ हो ओवरफ्लो,
मस्ती कभी ना हो लो,
पटाखों का सुरूर छाया रहे,
पॉकेट में भरी माया रहे,
गुड लक की हो बोछार,
ऐसा हो आपके लिए दिवाली का त्यौहार!!

🙏🏻🙏🏻आप सभी को और आपके पूरे परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🏻🙏🏻

श्रीरामचरित मानस की चौपाई...

अचल होउ अहिवातु तुम्हारा।
जब लगि गंग जमुन जल धारा॥

भावार्थ:-

जब तक गंगाजी और यमुनाजी में जल की धारा बहे, तब तक तुम्हारा सुहाग अमर रहे।

करवा चौथ की शुभकामनाएं 🌹🌹🌹🌹🌹

4 पैसे ही क्यों जरूरी हैं
       
बचपन में बुजुर्गों से एक कहानी सुनते थे कि... "इंसान 4 पैसे कमाने के लिए मेहनत करता है;" या..
"बेटा, कुछ काम करोगे तो 4 पैसे घर में आएँगे।" या..
"आज चार पैसे होते तो.. को

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4 पैसे ही क्यों जरूरी हैं
       
बचपन में बुजुर्गों से एक कहानी सुनते थे कि... "इंसान 4 पैसे कमाने के लिए मेहनत करता है;" या..
"बेटा, कुछ काम करोगे तो 4 पैसे घर में आएँगे।" या..
"आज चार पैसे होते तो.. कोई ऐसे ना बोलता।"

आखिर क्यों चाहिए ये चार पैसे..? और.. चार ही क्यों..? तीन या पाँच क्यों नहीं..? तीन पैसों में क्या कमी हो जाएगी या पाँच से क्या बढ़ जाएगा..? आइए... समझते हैं कि इन चार पैसों का क्या करना है?

1 भोजन: अर्थात अपना तथा अपने परिवार--पत्नी, बच्चों का भरण-पोषण करना पेट भरने के लिए..!

2 पिछला क़र्ज़ उतारना: अपने माता-पिता की सेवा के लिए उनके द्वारा किये गये हमारे पालन-पोषण का कर्ज़ उतारने के लिए!

3 आगे कर्ज़ देना: सन्तान को पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाने के लिए, ताकि.. आगे वृद्धावस्था में वे आपका ख़्याल रख सकें।

4 कुएं में डालने के लिए: अर्थात शुभ कार्य करने के लिए..! दान, सन्त सेवा, असहायों की सहायता करने के लिए.., यानि निष्काम सेवा करना.., क्योंकि हमारे द्वारा किये गये इन्हीं शुभ कर्मों का फल हमें इस जीवन के बाद मिलने वाला है।

इन कार्यों के लिए हमें चार पैसों की ज़रूरत पड़ती है। यदि तीन पैसे रह गये तो कार्य पूरे नहीं होंगे और पाँचवे पैसे की ज़रूरत ही नहीं है।
 
यही है 4 पैसों का गणित..!

चरणों में रहते रहते दादी इतना भरोसा हो गया...
अब मैं हु तेरा और तु है मेरी बस जन्मों का रिश्ता हो गया..
🌹जय दादी की🌹

🌸।।श्री राणी सत्यै नमः।।🌸

दादी नाम कृपा सागर
रोज डुबकी लगाया करो
दादी मूरत‌ सर्व मंगलकारी
सदा चित्त‌ में बसाया करो।

रामचरितमानस की चौपाइयों में ऐसी क्षमता है कि इन चौपाइयों के जप से ही मनुष्य बड़े-से-बड़े संकट में भी मुक्त हो जाता है।
इन मंत्रो का जीवन में प्रयोग अवश्य करे प्रभु श्रीराम आप के जीवन को सुखमय बना

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रामचरितमानस की चौपाइयों में ऐसी क्षमता है कि इन चौपाइयों के जप से ही मनुष्य बड़े-से-बड़े संकट में भी मुक्त हो जाता है।
इन मंत्रो का जीवन में प्रयोग अवश्य करे प्रभु श्रीराम आप के जीवन को सुखमय बना देगे।

1. रक्षा के लिए
मामभिरक्षक रघुकुल नायक |
घृत वर चाप रुचिर कर सायक ||

2. विपत्ति दूर करने के लिए
राजिव नयन धरे धनु सायक |
भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक ||

3. *सहायता के लिए
मोरे हित हरि सम नहि कोऊ |
एहि अवसर सहाय सोई होऊ ||

4. सब काम बनाने के लिए
वंदौ बाल रुप सोई रामू |
सब सिधि सुलभ जपत जोहि नामू ||

5. वश मे करने के लिए
सुमिर पवन सुत पावन नामू |
अपने वश कर राखे राम ||

6. संकट से बचने के लिए
दीन दयालु विरद संभारी |
हरहु नाथ मम संकट भारी ||

7. विघ्न विनाश के लिए
सकल विघ्न व्यापहि नहि तेही |
राम सुकृपा बिलोकहि जेहि ||

8. रोग विनाश के लिए
राम कृपा नाशहि सव रोगा |
जो यहि भाँति बनहि संयोगा ||

9. ज्वार ताप दूर करने के लिए
दैहिक दैविक भोतिक तापा |
राम राज्य नहि काहुहि व्यापा ||

10. दुःख नाश के लिए
राम भक्ति मणि उस बस जाके |
दुःख लवलेस न सपनेहु ताके ||

11. खोई चीज पाने के लिए
गई बहोरि गरीब नेवाजू |
सरल सबल साहिब रघुराजू ||

12. अनुराग बढाने के लिए
सीता राम चरण रत मोरे |
अनुदिन बढे अनुग्रह तोरे ||

13. घर मे सुख लाने के लिए
जै सकाम नर सुनहि जे गावहि |
सुख सम्पत्ति नाना विधि पावहिं ||

14. सुधार करने के लिए
मोहि सुधारहि सोई सब भाँती |
जासु कृपा नहि कृपा अघाती ||

15. विद्या पाने के लिए
गुरू गृह पढन गए रघुराई |
अल्प काल विधा सब आई ||

16. सरस्वती निवास के लिए
जेहि पर कृपा करहि जन जानी |
कवि उर अजिर नचावहि बानी ||

17. निर्मल बुद्धि के लिए
ताके युग पदं कमल मनाऊँ |
जासु कृपा निर्मल मति पाऊँ ||

18. मोह नाश के लिए
होय विवेक मोह भ्रम भागा |
तब रघुनाथ चरण अनुरागा ||

19. प्रेम बढाने के लिए
सब नर करहिं परस्पर प्रीती |
चलत स्वधर्म कीरत श्रुति रीती ||

20. प्रीति बढाने के लिए
बैर न कर काह सन कोई |
जासन बैर प्रीति कर सोई ||

21. सुख प्रप्ति के लिए
अनुजन संयुत भोजन करही |
देखि सकल जननी सुख भरहीं ||

22. भाई का प्रेम पाने के लिए
सेवाहि सानुकूल सब भाई |
राम चरण रति अति अधिकाई ||

23. बैर दूर करने के लिए
बैर न कर काहू सन कोई |
राम प्रताप विषमता खोई ||

24. मेल कराने के लिए
गरल सुधा रिपु करही मिलाई |
गोपद सिंधु अनल सितलाई ||

25. शत्रु नाश के लिए
जाके सुमिरन ते रिपु नासा |
नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा ||

26. रोजगार पाने के लिए
विश्व भरण पोषण करि जोई |
ताकर नाम भरत अस होई ||

27. इच्छा पूरी करने के लिए
राम सदा सेवक रूचि राखी |
वेद पुराण साधु सुर साखी ||

28. पाप विनाश के लिए
पापी जाकर नाम सुमिरहीं |
अति अपार भव भवसागर तरहीं ||

29. अल्प मृत्यु न होने के लिए
अल्प मृत्यु नहि कबजिहूँ पीरा |
सब सुन्दर सब निरूज शरीरा ||

30. दरिद्रता दूर के लिए
नहि दरिद्र कोऊ दुःखी न दीना |
नहि कोऊ अबुध न लक्षण हीना |

31. प्रभु दर्शन पाने के लिए
अतिशय प्रीति देख रघुवीरा |
प्रकटे ह्रदय हरण भव पीरा ||

32. शोक दूर करने के लिए
नयन बन्त रघुपतहिं बिलोकी |
आए जन्म फल होहिं विशोकी ||

33. क्षमा माँगने के लिए
अनुचित बहुत कहहूँ अज्ञाता |
क्षमहुँ क्षमा मन्दिर दोऊ भ्राता ||

नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी।
इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥

कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार।
अपनी शक्ति दी उसे करे रकत संचार॥

भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काए।
कम

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नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी।
इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥

कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार।
अपनी शक्ति दी उसे करे रकत संचार॥

भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काए।
कमल का आसन साथ में उसपर लिया सजाए॥

आशीर्वाद दे हाथ से, मन में भरे उमंग।
कीर्तन करता आपका छाडे नाम का रंग॥

जैसे रूठे बालक की सुनती आप पुकार।
मुझको भी वो प्यार दो मत करना इनकार॥

नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ॥

जय माँ सकंदा माता।

हर् स्कूल में लिखा होता है ,
"असूल" तोडना मना है .....!!

हर बाग में लिखा होता है ,
"फूल " तोडना मना है ..!!

हर खेल मैं लिखा होता है ,
"रूल " तोडना मना है ..!!

.काश ..!!

.रिश्ते,परिवार ,दोस्ती मैं
भी लिखा होता की ..,
किसी का

" साथ " छोङना मना है ..!

खोया इतना कुछ कि फिर पाना न आया,‼️
      प्यार कर तो लिया पर जताना न आया,

आ गये तुम इस दिल में पहली ही नजर में,‼️
     बस हमें आपके ❤️ में समाना न आया!!❤️

        💖💖💖💖💖💖💖💖

🥀__क्या वजह बताऊं तुम्हे चाहने की सनम

           बस तुम अच्छे लगे.. और इश्क़ हो गया..!!🥀

गुनगुने पानी में नमक और हल्दी पाउडर डालकर गरारा करने से छत में लगे मकड़ी के जाले दिखते हैं....

वरना इस मोबाइल के जमाने में किसे फ़ुरसत है कि गर्दन ऊपर करके छत देखने की....

दीपावली आ रही है सोचा बता दूं....

एक प्रसंग  हनुमान जी कौन हैं ।

पार्वती जी ने शंकर जी से कहा - भगवन अपने इस भक्त को कैलाश आने से रोक दीजिए, वरना किसी दिन मैं इसे अग्नि में भस्म कर दूंगी।

यह जब भी आता है, मैं बहुत असहज हो जाती हूँ।

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एक प्रसंग  हनुमान जी कौन हैं ।

पार्वती जी ने शंकर जी से कहा - भगवन अपने इस भक्त को कैलाश आने से रोक दीजिए, वरना किसी दिन मैं इसे अग्नि में भस्म कर दूंगी।

यह जब भी आता है, मैं बहुत असहज हो जाती हूँ। यह बात मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। आप इसे समझा दीजिए, यह कैलाश में प्रवेश न करें।

शिव जी जानते थे कि पार्वती सिर्फ उनके वरदान की मर्यादा रखने के लिए रावण को कुछ नहीं कहती हैं।

वह चुपचाप उठकर बाहर आकर देखते हैं। रावण नंदी को परेशान कर रहा है।

शिव जी को देखते ही वह हाथ जोड़कर प्रणाम करता है। प्रणाम महादेव।

आओ दशानन कैसे आना हुआ ?  

मैं तो बस आप के दर्शन करने के लिए आ गया था महादेव।

अखिर महादेव ने उसे समझाना शुरू किया। देखो रावण तुम्हारा यहां आना पार्वती को बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसलिए तुम यहां मत आया करो।

महादेव यह आप कह रहे हैं। आप ही ने तो मुझे किसी भी समय आप के दर्शन के लिए कैलाश पर्वत पर आने का वरदान दिया है।

और अब आप ही अपने वरदान को वापस ले रहे हैं। ऐसी बात नहीं है रावण।

लेकिन तुम्हारे क्रिया कलापों से पार्वती परेशान रहती है और किसी दिन उसने तुम्हें श्राप दे दिया तो मैं भी कुछ नहीं कर पाऊंगा। इसलिए बेहतर यही है कि तुम यहां पर न आओ।

फिर आप का वरदान तो मिथ्या हो गया महादेव।

मैं तुम्हें आज एक और वरदान देता हूं। तुम जब भी मुझे याद करोगे। मैं स्वयं ही तुम्हारे पास आ जाऊंगा। लेकिन तुम अब किसी भी परिस्थिति में कैलाश पर्वत पर मत आना।

अब तुम यहां से जाओ, पार्वती तुमसे बहुत रुष्ट है। रावण चला जाता है।

समय बदलता है हनुमानजी रावण की स्वर्ण नगरी लंका को जला कर राख करके चले जाते हैं। और रावण उनका कुछ नहीं कर सकता है।

वह सोचते-सोचते परेशान हो जाता है कि आखिर उस हनुमान में इतनी शक्ति आई कहां से।

परेशान हो कर वह महल में ही स्थित शिव मंदिर में जाकर शिवजी की प्रार्थना आरम्भ करता है।

जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले।
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।।

उसकी प्रार्थना से शिव प्रसन्न होकर प्रकट होते हैं। रावण अभिभूत हो कर उनके चरणों में गिर पड़ता है।

कहो दशानन कैसे हो ? शिवजी पूछते हैं।

आप अंतर्यामी हैं महादेव। सब कुछ जानते हैं प्रभु।

एक अकेले बंदर ने मेरी लंका को और मेरे दर्प को भी जला कर राख कर दिया।

मैं जानना चाहता हूं कि यह बंदर जिसका नाम हनुमान है आखिर कौन है ?

और प्रभु उसकी पूंछ तो और भी ज्यादा शक्तिशाली थी। किस तरह सहजता से मेरी लंका को जला दिया। मुझे बताइए कि यह हनुमान कौन है ?

शिव जी मुस्कुराते हुए रावण की बात सुनते रहते हैं। और फिर बताते हैं कि रावण यह हनुमान और कोई नहीं मेरा ही रूद्र अवतार है।

विष्णु ने जब यह निश्चय किया कि वे पृथ्वी पर अवतार लेंगे और माता लक्ष्मी भी साथ ही अवतरित होंगी। तो मेरी इच्छा हुई कि मैं भी उनकी लीलाओं का साक्षी बनूं।

और जब मैंने अपना यह निश्चय पार्वती को बताया तो वह हठ कर बैठी कि मैं भी साथ ही रहूंगी। लेकिन यह समझ नहीं आया कि उसे इस लीला में किस तरह भागीदार बनाया जाए।

तब सभी देवताओं ने मिलकर मुझे यह मार्ग बताया। आप तो बंदर बन जाइये और शक्ति स्वरूपा पार्वती देवी आपकी पूंछ के रूप में आपके साथ रहे, तभी आप दोनों साथ रह सकते हैं।

और उसी अनुरूप मैंने हनुमान के रूप में जन्म लेकर राम जी की सेवा का व्रत रख लिया और शक्ति रूपा पार्वती ने पूंछ के रूप में और उसी सेवा के फल स्वरूप तुम्हारी लंका का दहन किया।

अब सुनो रावण! तुम्हारे उद्धार का समय आ गया है। अतः श्री राम के हाथों तुम्हारा उद्धार होगा। मेरा परामर्श है कि तुम युद्ध के लिए सबसे अंत में प्रस्तुत होना। जिससे कि तुम्हारा समस्त राक्षस परिवार भगवान श्री राम के हाथों से मोक्ष को प्राप्त करें और तुम सभी का उद्धार हो जाए।

*रावण को सारी परिस्थिति का ज्ञान होता है और उस अनुरूप वह युद्ध की तैयारी करता है और अपने पूरे परिवार को राम जी के समक्ष युद्ध के लिए पहले भेजता है और सबसे अंत में स्वयं मोक्ष को प्राप्त होता है।

ll जयसियारामजी lll ॐनमःशिवाय ll*

मारवाडी सेठ की पत्नी  👩 की तबियत बार बार खराब होती रहती थी ।
किसी ने उस पर कुछ रूपये वारने की सलाह दी । ताकि बला👿 टले
*
मारवाडी ने अपनी पत्नी के सर पर 15/-₹ रुपए वारे । और फिर
उन 15 रुपए  में 85 रुपए और म

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मारवाडी सेठ की पत्नी  👩 की तबियत बार बार खराब होती रहती थी ।
किसी ने उस पर कुछ रूपये वारने की सलाह दी । ताकि बला👿 टले
*
मारवाडी ने अपनी पत्नी के सर पर 15/-₹ रुपए वारे । और फिर
उन 15 रुपए  में 85 रुपए और मिला कर अपने रिलायंस मोबाइल नम्बर पर रिचार्ज करवा लिया ।
*
पत्नी : ये क्या क़ियां तुमने🤔?

मारवाडी : तेरे पर वारे 15 में 85 मिलाकर रिचार्ज करवाने पर 85/-₹ रूपये का बैलेंस मेरे पास वापस आ गया।
और
तेरे ऊपर वारे गए 15 रूपये अम्बानी को चले गए ।

अब तेरी बला अम्बानी के सर पर।
वो पैसे वाला है,अपने आप व्यवस्था कर लेगा, इस बला को टालने की भी..
😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃

🤣 एक बनिए की फल फ्रूट की मशहूर दुकान थी
🍎🍐🍊🍓🍉
गर्मी में एक ग्राहक  उसकी दुकान पर तरबूज लेने आया🍉🍉🍉
ग्राहक ने कहा
एक मीठा और लाल तरबूज 🍉🍉🍉 दे दो
😉
दुकानदार ने उसे एक तरबूज निकाल कर दे दिया
ग्र

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🤣 एक बनिए की फल फ्रूट की मशहूर दुकान थी
🍎🍐🍊🍓🍉
गर्मी में एक ग्राहक  उसकी दुकान पर तरबूज लेने आया🍉🍉🍉
ग्राहक ने कहा
एक मीठा और लाल तरबूज 🍉🍉🍉 दे दो
😉
दुकानदार ने उसे एक तरबूज निकाल कर दे दिया
ग्राहक ने बोला लाल तो निकलेगा ना
दुकानदार ने कहा लाल कि पूरी गारंटी है नही तो वापस ले आना
🙄
ग्राहक 12:00 बजे तरबूज ले गया था दिन में 2:00 बजे तमतमाते हुए वापस आया और बोला
आपने बोला था कि यह लाल और मीठा निकलेगा यह तो सफेद और फीका है
🙄
बनिए के पास उस समय बहुत ग्राहकों की भीड़ थी व्यापारी ने अपने मुख पर मुस्कान लाते हुए कहा की भाई साहब आप क्यों गुस्सा करते हैं मैं तो इसी तरबूज 🍉🍉🍉 को ढूंढ रहा था आज मैंने इसे बाहर से मंगाया था
😘
क्योंकि यह तरबूज तो शुगर फ्री तरबूज है और महंगा है परंतु यह गलती से आपके पास चल गया🙄 कोई बात नही आप दूसरा ले लीजिए
🙄
ग्राहक सकपका गया और बोला की भाई साहब यह कितने रुपए किलो है
दुकानदार बोला भाई साहब है तो महंगा पर आपको चाहिए तो उसी रेट में ले जाओ।
ग्राहक खुश होते हुए बोला कि भाई साहब मुझे यही पैक करके दे दो
😉
दुकानदार ने नौकर को बोला कि बेटा यह पैक कर दे
🙄
दुकान पर काम करता हुआ नौकर यह देखकर अचंभा कर गया कि फीका तरबूज भी उस ग्राहक को उसी रेट में पकड़ा दिया जिसे गारंटी दे कर दिया गया था और ग्राहक बहुत खुश होकर वापस गया।
😘 क्योंकि बनिया, बनिया होता है और ग्राहक संतुष्ट होता नही, करना पड़ता है 🙏
😁😁😁😁
😁😁😁😁😁

ज्योति जी ने बेटे को फ़ोन किया, "बेटा, इस मंगलवार को छुट्टी लेकर घर आ जाना, कुछ ज़रूरी काम है।"😐
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"मम्मी, ऑफ़िस में बहुत काम है, बॉस छुट्टी नहीं देगा।"🥺
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ज्योति जी "वो एक रिश्ता आया था तुम्हारे लिये, ब

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ज्योति जी ने बेटे को फ़ोन किया, "बेटा, इस मंगलवार को छुट्टी लेकर घर आ जाना, कुछ ज़रूरी काम है।"😐
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"मम्मी, ऑफ़िस में बहुत काम है, बॉस छुट्टी नहीं देगा।"🥺
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ज्योति जी "वो एक रिश्ता आया था तुम्हारे लिये, बड़ी सुंदर लड़की है, सोच रही थी कि एक बार तुम दोनों मिल लेते तो..."😊
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"अरे माँ, बस इतनी सी बात, तुम कहो और मैं ना आऊँ, ऐसा हो सकता है भला..???" 😍

मन में फूट रहे लड्डूओं की आवाज छिपाते हुए बेटे जी ने जवाब दिया।🥰
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बॉस को किसी तरह टोपी पहनाकर, रात को बेटा घर  पहुँचा।🥱
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माँ ज्योति ने कुछ ज्यादा बात नहीं की, बस खाना परोसा और दूसरे दिन जल्दी उठ जाने को कहा।🤤
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सुबह के 4 बजे तक तो नींद बेटे की आँखों से कोसों दूर थी, मोबाइल के अलार्म के साथ ही नींद खुली।😑
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माँ ने चाय देते हुए कहा, "बाथरूम में कपड़े रखे हैं, बदलकर आ जाओ।"🤷
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बाथरूम में पुरानी टी-शर्ट और शॉर्ट्स देखकर बेटे का दिमाग ठनका, 😮
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बाहर आकर बेटे नें पूछा पुराने कपड़े??
माँ ने मनोरम मुस्कान बिखेरते हुए कहा,
 "घर की सफाई का बोलती तो तू काम का बहाना बनाकर टाल देता,...  💁

चल अब जल्दी से ये लंबा वाला झाड़ू उठा
तेरे पापा भी बहाने बना कर समाज की मीटिंग में गए है वो भी लड़की की माँ से  मिलने के नाम पर आ रहे है 😎

दीवार के कोने साफ कर, बहुत जाले हो गये हैं।

महिलायें दीपावली टिप्स समझ सकती हैं 🙏🙏
😂😂🤣

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।

तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े।

ॐ जय श्री श्याम

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ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।

तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।

खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।

सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।

भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।

सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।

निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

🙏🏼😊   छोड़  दीजिए   😊🙏🏼

एक दो बार समझाने से यदि कोई नही समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना,
          🙏🏼   छोड़ दीजिए  🙏🏼

बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके
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🙏🏼😊   छोड़  दीजिए   😊🙏🏼

एक दो बार समझाने से यदि कोई नही समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना,
          🙏🏼   छोड़ दीजिए  🙏🏼

बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना,
           🙏🏼 छोड़ दीजिए।  🙏🏼

 गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं जुड़ते तो उन्हें,
         🙏🏼   छोड़ दीजिए।  🙏🏼

 एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना,
          🙏🏼   छोड़ दीजिए।  🙏🏼

अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना,
         🙏🏼   छोड़ दीजिए।  🙏🏼

यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना,
         🙏🏼   छोड़ दीजिए।  🙏🏼

हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना,
         🙏🏼   छोड़ दीजिए।  🙏🏼

बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना,
          🙏🏼   छोड़ दीजिए।  🙏🏼

उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना,
           🙏 छोड दीजिए। 🙏

मैसेज अच्छा लगे तो ठीक, न लगे तो फारवर्ड करने का विचार
           🙏 छोड दीजिए। 🙏

आंखों_में आशिकी चमक रही है
                 लबों पर ❤मोहब्बत महक रही है

 देख कर तेरे प्यार_का जादू
                 मेरी__हर धड़कन💞 बहक रही है!!

        🌷श्री राधे राधे🌷

क्या है कृष्ण होने के मायने ?

♦️पहली गाली पर 'सर काटने' की शक्ति होने बाद भी; यदि 99 और गाली सुनने का 'सामर्थ्य' है, तो वो कृष्ण है।
♦️'सुदर्शन' जैसा शस्त्र होने के बाद भी; यदि हाथ में हमे

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क्या है कृष्ण होने के मायने ?

♦️पहली गाली पर 'सर काटने' की शक्ति होने बाद भी; यदि 99 और गाली सुनने का 'सामर्थ्य' है, तो वो कृष्ण है।
♦️'सुदर्शन' जैसा शस्त्र होने के बाद भी; यदि हाथ में हमेशा 'मुरली' है, तो वो कृष्ण है।
♦️'द्वारिका' का वैभव होने के बाद भी; यदि 'सुदामा" मित्र है, तो वो कृष्ण है।
♦️'मृत्यु' के फन पर मौजूद होने पर भी; यदि 'नृत्य' करे तो, वो कृष्ण है।
♦️'सर्वसामर्थ्य' होने पर भी; जो यदि 'सारथी' बने, तो वो कृष्ण है।
♦️ भारत ही नही अपितु पूरे विश्व के 240 देशों जिनके अनुयायी व मंदिर होने के बावजूद मथुरा में अपने भव्य मंदिर का प्रतीक्षा कर रहे वो कृष्ण है।

🙏 पितरों को नमन🙏

वो कल थे तो आज हम हैं उनके ही तो अंश हम हैं..

जीवन मिला उन्हीं से उनके कृतज्ञ हम हैं..

सदियों से चलती आयी श्रंखला की कड़ी हम हैं..

गुण धर्म उनके ही दिये उनके प्रतीक हम हैं..

रीत

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🙏 पितरों को नमन🙏

वो कल थे तो आज हम हैं उनके ही तो अंश हम हैं..

जीवन मिला उन्हीं से उनके कृतज्ञ हम हैं..

सदियों से चलती आयी श्रंखला की कड़ी हम हैं..

गुण धर्म उनके ही दिये उनके प्रतीक हम हैं..

रीत रिवाज़ उनके हैं दिये संस्कारों में उनके हम हैं..

देखा नहीं सब पुरखों को पर उनके ऋणी तो हम हैं..

पाया बहुत उन्हीं से पर न जान पाते हम हैं..

दिखते नहीं वो हमको पर उनकी नज़र में हम हैं..

देते सदा आशीष हमको धन्य उनसे हम हैं..

खुश होते उन्नति से दुखी होते अवनति से

देते हमें सहारा उनकी संतान जो हम हैं..

इतने जो दिवस मनाते मित्रता प्रेम आदि के

पितरों को भी याद कर लें.. जिनकी वजह से हम हैं..

आओ नमन कर लें कृतज्ञ हो लें क्षमा माँग लें आशीष ले लें

पितरों से जो चाहते हमारा भला उनके जो अंश हम हैं..

🚩पितर देवता को सादर प्रणाम🚩

प्यार दे कर जो हमें विदा हुए संसार से,
आओ उनका स्वागत करें आज से।

वो हुए पुरखो में शामिल जो कभी थे साथ में,
आज से नमन करेंगे हम मन के द्वार से।

पितर चरण में नमन करें, ध्

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🚩पितर देवता को सादर प्रणाम🚩

प्यार दे कर जो हमें विदा हुए संसार से,
आओ उनका स्वागत करें आज से।

वो हुए पुरखो में शामिल जो कभी थे साथ में,
आज से नमन करेंगे हम मन के द्वार से।

पितर चरण में नमन करें, ध्यान धरें दिन रात।
कृपा दृष्टि हम पर करें, सिर पर धर दें हाथ।

ये कुटुम्ब है आपका, आपका है परिवार।
आपके आशीर्वाद से, फले - फूले संसार।

भूल -चूक सब क्षमा करें, करें महर भरपूर।
सुख सम्पति से घर भरें, कष्ट करें सब दूर।

आप हमारे हृदय में, आपकी हम संतान।
आपके नाम से है जुड़ी, मेरी हर पहचान।

सभी पितरो को सादर🌷नमन🌷👏

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