loader

Poem Messages

72 Messages

फ़ासले मिटा कर आपस में प्यार रखना, रिश्ता हमेशा बरकरार रखना ,
   
बिछड़ जाए कभी आपसे हम , आँखों मैं हमेशा हमारा इंतज़ार रखना

तुम्हारे जिस्म की खुशबू गुलों से आती है,
 ख़बर तुम्हारी भी अब दूसरों से आती है..!!

 हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में,
 उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है..!!

 हमारी आँखों को मैला तो कर दिया

Show More

तुम्हारे जिस्म की खुशबू गुलों से आती है,
 ख़बर तुम्हारी भी अब दूसरों से आती है..!!

 हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में,
 उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है..!!

 हमारी आँखों को मैला तो कर दिया लेकिन,
 मुहब्बतों में चमक आंसुओं से आती है..!!

 इसीलिए तो अँधेरे हसीन लगते हैं,
 कि रात मिल के तेरे गेसुओं से आती हैं..!!

 ये किस मक़ाम में पहुंचा दिया मुहब्बत ने,
 कि तेरी याद भी अब कोशिशों से आती है..!!

नींद बेचकर आँखों ने, कुछ ख्वाब खरीदे हैं,
ठहरे हुए, समन्दर से,..कुछ सैलाब खरीदे हैं..

ऐ जिंदगी तू शौक से ले इम्तेहान लेकिन सुन,
तेरी ही नुमाईश से मैंने कुछ खिताब खरीदे हैं..

रोज टहलते सड़कों पर, कई गुल

Show More

नींद बेचकर आँखों ने, कुछ ख्वाब खरीदे हैं,
ठहरे हुए, समन्दर से,..कुछ सैलाब खरीदे हैं..

ऐ जिंदगी तू शौक से ले इम्तेहान लेकिन सुन,
तेरी ही नुमाईश से मैंने कुछ खिताब खरीदे हैं..

रोज टहलते सड़कों पर, कई गुलदस्ते देखे हैं,
पर हमने फुटपाथों से, ..कुछ गुलाब खरीदे हैं..

तुम चाँद ले आए अपने घर,. सम्भाल के ऱखो,
हमने चिरागों की लौ से कुछ महताब खरीदे हैं..

सुना है वो, जिन्दगी का लेखा जोखा रखता है,
चंद जिंदगियों के उसी से मैंने हिसाब खरीदे हैं..

ऐ इंसान, क्यों तू इंसान को ही खाने में लगा है,
आजा, ..मैंने कुछ पकवान लाजबाब खरीदे हैं.....!!!

मोती हूँ तो दामन में पिरो लो मुझे अपने,

आँसू हूँ तो पलकों से गिरा क्यूँ नही देते?

साया हूँ तो साथ ना रखने की वजह क्या?

पत्थर हूँ तो रास्ते से हटा क्यूँ नही देते?

बता तुम्हें मैं क्या लिखूँ...

शाम लिखूँ कि जलता चराग लिखूँ...
          इश्क लिखूँ...
या इश्क के पार लिखूँ...

 तुम्हारी मुस्कुराहट... जो गिराती हैं...
अक्सर बिजलियाँ मुझपे...
      उस मुस्कान को नसीब लिखूँ...
या अपनी जान लिखूँ.. 

दूर लिखूँ कि इस #दिल के पास लिखूँ...
धड़कन लिखूँ...
     या धड़कनों के राज़ लिखूँ...

... बता तुम्हें क्या लिखूँ...!!

हम तड़प रहे है याद में तेरी देखो कैसी जुदायी है
हर पल अब मै रब से पूछू कैसी दुनिया बनायी है

मेरे ही सपनो में तूने अपनी दुनिया बनायी थी
तूने मुझसे प्यार किया था तूने कसमें खायी थी

मेरे अरमानों ने देखो कैसी ठोकर खायी है
हर पल अब मै रब से पूछू कैसी दुनिया बनायी है

बोई  जाती हैं बेटी,
यूँ ही उग जाते हैं बेटे,
सिखाई जाती है बेटियां,
खुद सीख जाते हैं बेटे।।

ज़िम्मेदारी बन जाती है बेटी,
ज़िम्मेदारिया उठाते है बेटे,
सम्भाली जाती है बेटियां,
खुद ही संभल जाते हैं ब

Show More

बोई  जाती हैं बेटी,
यूँ ही उग जाते हैं बेटे,
सिखाई जाती है बेटियां,
खुद सीख जाते हैं बेटे।।

ज़िम्मेदारी बन जाती है बेटी,
ज़िम्मेदारिया उठाते है बेटे,
सम्भाली जाती है बेटियां,
खुद ही संभल जाते हैं बेटे।।

योजना बनती है बेटी के लिए,
बिना योजना पल जाते हैं बेटे,
रक्षा होती है बेटी की,
यूँ ही छूट जाते हैं बेटे।।

पूजी जाती है बेटी,
बोझ उठाते हैं बेटे,
विशेषधिकार आरक्षण का लाभ लेती,
फिर भी रहती बेचारी बेटी।।

हाड़ तोड़कर काम करता,
फिर भी रहता अत्याचारी बेटा,
कुछ कहते नहीं  सिर्फ करते बेटे,
कुछ मांगते नहीं सिर्फ देते बेटे।।

बेटी से माँ का सफ़र  (बहुत खूबसूरत पंक्तिया , सभी महिलाओ को समर्पित)

बेटी से माँ का सफ़र
बेफिक्री से फिकर का सफ़र
रोने से चुप कराने का सफ़र
उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र

पहले जो आँचल में छुप जाया करती थी&nbs

Show More

बेटी से माँ का सफ़र  (बहुत खूबसूरत पंक्तिया , सभी महिलाओ को समर्पित)

बेटी से माँ का सफ़र
बेफिक्री से फिकर का सफ़र
रोने से चुप कराने का सफ़र
उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र

पहले जो आँचल में छुप जाया करती थी  ।
आज किसी को आँचल में छुपा लेती हैं ।

पहले जो ऊँगली पे गरम लगने से घर को उठाया करती थी ।
आज हाथ जल जाने पर भी खाना बनाया करती हैं ।
 
छोटी छोटी बातों पे रो जाया करती थी
बड़ी बड़ी बातों को मन में  रखा करती हैं ।

पहले दोस्तों से लड़ लिया करती थी ।
आज उनसे बात करने को तरस जाती हैं ।

माँ कह कर पूरे घर में उछला करती थी ।
माँ सुन के धीरे से मुस्कुराया करती हैं ।

10 बजे उठने पर भी जल्दी उठ जाना होता था ।
आज 5 बजे उठने पर भी
लेट हो जाता हैं ।

खुद के शौक पूरे करते करते ही साल गुजर जाता था ।
आज खुद के लिए एक कपडा लेने में आलस आ जाता हैं ।

पूरे दिन फ्री होके भी बिजी बताया करते थे ।
अब पूरे दिन काम करके भी फ्री
कहलाया करते हैं ।

साल की एक एग्जाम के लिए पूरे साल पढ़ा करते थे।
अब हर दिन बिना तैयारी के एग्जाम दिया करते हैं ।

ना जाने कब किसी की बेटी
किसी की माँ बन गई ।
कब बेटी से माँ के सफ़र में तब्दील हो गई .....
😊😊😊

एक कविता नई पीढ़ी के नाम
परिवार की भाषा बदल गई
रिश्ते नाते छूट गए
परिवार पीछे रह गया
मोबाइल अब परिवार बन गया।
वाह रे नई पीढ़ी वाह रे नई पीढ़ी
फेसबुक व्हाट्सप्प अब परिवार के मेंबर बन गए
माँ बाप पीछे र

Show More

एक कविता नई पीढ़ी के नाम
परिवार की भाषा बदल गई
रिश्ते नाते छूट गए
परिवार पीछे रह गया
मोबाइल अब परिवार बन गया।
वाह रे नई पीढ़ी वाह रे नई पीढ़ी
फेसबुक व्हाट्सप्प अब परिवार के मेंबर बन गए
माँ बाप पीछे रह गए
दादा दादी बृद्धा आश्रम भेज दिए
अब  अपना समय मोबाइल को दे दिया
मोबाइल अब परिवार बन गया।
दिखाबे की होड़ में ऐसे आगे बढ़ गए की
अजनवी अपने हो गए
अपने अब अजनवी हो गए
मोबाइल शशिर का अंग बन गया
मोबाइल अब परिवार बन गया।
वाह रे नई पीढ़ी वाह रे नई पीढ़ी

नदी ने कब होना चाहा समंदर,
वो बस बहती रही
अनजाने से गीत को
लिये अपने अंदर.
किनारे के बंधनों में
बंधी सी लेकिन
अपने आप में मुक्त
बहती रही है निरंतर,
उसके बहाव में ही
टूटती रही हैं न जाने
कितनी राह की

Show More

नदी ने कब होना चाहा समंदर,
वो बस बहती रही
अनजाने से गीत को
लिये अपने अंदर.
किनारे के बंधनों में
बंधी सी लेकिन
अपने आप में मुक्त
बहती रही है निरंतर,
उसके बहाव में ही
टूटती रही हैं न जाने
कितनी राह की चट्टानें
और घुलती रही है उसके
सर्वग्राही जल में
प्रतिपल नयी आशा
अंबर से उतरकर.
युगों से वो नदी
यही कहती रही है
कि मुक्ति एक ही है -
न रुकना, न अटकना
बहते रहना निरंतर...

*"प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली"*

पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!

धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!

ऊर्जा मिलती है बहुत, पि

Show More

*"प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली"*

पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!

धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!

ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!

प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!

ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!

भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!

प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!

प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!
तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!

भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!

घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!

अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!

रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!

सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!

देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^

दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!

सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!

भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!

अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!

पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!

अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!

फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!

चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!

रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!

भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड़, अजवान!
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!

लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!

चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!

सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!

सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!

हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!

अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!

तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!
मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग। 🌸

🥀 मैं रूठा, तुम भी रुठ गए, फिर मनाएगा कौन? 🥀

🥀 आज दरार है, कल खाई होगी, फिर भरेगा कौन? 🥀

🥀 मैं चुप, तुम भी चुप, इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन? 🥀

🥀 छोटी बात को लगा लोगे दिल सें, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन? 🥀
&nbs

Show More

🥀 मैं रूठा, तुम भी रुठ गए, फिर मनाएगा कौन? 🥀

🥀 आज दरार है, कल खाई होगी, फिर भरेगा कौन? 🥀

🥀 मैं चुप, तुम भी चुप, इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन? 🥀

🥀 छोटी बात को लगा लोगे दिल सें, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन? 🥀
 
🥀 दु:खी मैं भी और तुम भी, बिछडकर, सोचो हाथ फिर बढाएगा कौन? 🥀

🥀 न मैं राजी, न तुम राजी, फिर माफ करनें का बडप्पन दिखाएगा कौन? 🥀

🥀 डूब जाएगा यादों में दिल कभी,  तो फिर धैर्य बंधाएगा कौन? 🥀

🥀 एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी, इस अहम् को फिर हराएगा कौन? 🥀

🥀 जिंदगी किसको मिली है सदा के लिए, फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन? 🥀

🥀 मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन,एक ने आँखे .... तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन? 🥀

*आज मौसम कितना खुश गवार हो गया*
*खत्म सभी का इंतज़ार हो गया*
*बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से*
*लगा जैसे*
*आसमान को*
*ज़मीन से प्यार हो गया...*😘

*कल तक उड़ती थी रेत चेहरे पर*
*आज पैरों से लिपट गयी**
*चन्द बूँदें क्या बरसीं बरसात की**
*धूल की फ़ितरत ही बदल गयी****

Welcome मानसून 🌈

🍃🍂तेरी यादें अधूरी मुलाकाते,
अधूरी बातें,अधूरे दिन अधूरी राते🍂🍃

दिल ही  दिल में रह गयी....
दिल की कुछ अनकही बातें,
होठों पर बस गयी आकर....
कुछ अनचाही मुस्कुराहटें,
बाते जो अधूरी रह गयी दिल में...
बन

Show More

🍃🍂तेरी यादें अधूरी मुलाकाते,
अधूरी बातें,अधूरे दिन अधूरी राते🍂🍃

दिल ही  दिल में रह गयी....
दिल की कुछ अनकही बातें,
होठों पर बस गयी आकर....
कुछ अनचाही मुस्कुराहटें,
बाते जो अधूरी रह गयी दिल में...
बन गयी एक किताब तेरी यादों की,
नम हो जाती है आँखे,
तेरी याद में जब भी मै....
यादों की किताब को पढ़ता हूँ,
दिल तो चुप रहता है.....मगर 
पन्ने  रो पड़ते है,
लब तो खामोश रहते है....मगर
आंसूं बहने लगते है,
नजरे तेरी राह  देखती है....मगर
कदम पीछे हट जाते है,
तुम बिन रह गया बहुत कुछ,
अनकहा और अधूरा....
अधूरी मुलाकाते, अधूरी बातें,
अधूरे दिन अधूरी राते,
रह गया मै भी अधूरा
दिल में लेकर कुछ अनकही बातें....!

एक लड़की थी ..
गली से गुज़रा करती थी....
उसके चेहरे पर नकाब हुआ करता था .....
एक लड़का उस पर दिलों जान से मरता था....
जब भी लड़की गली से आती थी...
तो लड़का कहता था..
अपने चेहरे से नकाब को हटाओ...
और चाँद सा चेहरा मु

Show More

एक लड़की थी ..
गली से गुज़रा करती थी....
उसके चेहरे पर नकाब हुआ करता था .....
एक लड़का उस पर दिलों जान से मरता था....
जब भी लड़की गली से आती थी...
तो लड़का कहता था..
अपने चेहरे से नकाब को हटाओ...
और चाँद सा चेहरा मुझे दिखाओ. ..
लड़की की कुछ ही दिन बाद शादी थी. ..
लड़की ने चेहरे से नकाब को ना हटाया.. .
अपना चाँद सा चेहरा ना दिखाया...
लड़की की शादी हुई ...
लड़का एक हफ्ते तक नज़र नही आया. ...
लड़की परेशान सी रहने लगी...
पुछते पुछते उसके घर जा पहुँची....
तभी घरवालो ने कहा...
म्होतर्मा आपको आने मे थोड़ा देर हो गयी ....
उस दिवाने की तो एक हफ्ते पहले ही मौत हो गयी...
तभी पड़ोस वालो ने अपना फर्ज़ निभाया....
लड़की को लड़के की कब्र तक पहुँचाया...
लड़की जोर-जोर से रोने लगी.....
अपने आँसुओ से कब्र को धोने लगी...
तभी कब्रसे एक आवाज आयी...
समय-समय की बात है...
कल तुम थी नकाब मे...
तो मे था शबाब मे..
आज मै हुँ नकाब मे....
तो तुम हो शबाब मे...
लड़की पूछने लगी....
ऐसा क्यो किया आपने...
तभी कब्र से फिर आवाज़ आयी.. ..
तेरी डोली उठी..
मेरी म्य्यत उठी...
फूल तुझ पे भी बरसे...
फूल मुझ पे भी बरसे....
बस फर्क सिर्फ इतना था...
तू सज कर गयी...और ...मुझे सजाया गया...
तू भी घर को चली...
मै भी घर को चला...
बस फर्क सिर्फ इतना था...
तू उ ठ कर गयी...और..
मुझे उठाया गया...
महफिल वहाँ भी थी...
लोग यहाँ भी थे....
बस फर्क सिर्फ इतना था...
उनका हंसना वहाँ...
इनका रोना यहाँ...
काज़ी उधर भी था...
मौलवी इधर भी था...
दो बोल तेरे भी पड़े...
दो बोल मेरे भी पड़े..
तेरा निकाह पड़ा...
मेरा जनाज़ा पड़ा..
बस फर्क सिर्फ इतना था...
तुझे अपनाया गया.....
मुझे दफनाया गया.....

ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना..
कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना,
वो अपने बाल खुद न संवार पाना,
पीटी शूज को चाक से चमकाना,
वो काले जूतों को पैंट से पोंछते जाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बु

Show More

ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना..
कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना,
वो अपने बाल खुद न संवार पाना,
पीटी शूज को चाक से चमकाना,
वो काले जूतों को पैंट से पोंछते जाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो बड़े नाखुनों को दांतों से चबाना,
और लेट आने पर मैदान का चक्कर लगाना,
वो प्रेयर के समय क्लास में ही रुक जाना,
पकड़े जाने पर पेट दर्द का बहाना बनाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो टिन के डिब्बे को फ़ुटबाल बनाना,
ठोकर मार मार कर उसे घर तक ले जाना,
साथी के बैठने से पहले बेंच सरकाना,
और उसके गिरने पे जोर से खिलखिलाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
गुस्से में एक-दूसरे की कमीज पे स्याही छिड़काना,
वो लीक करते पेन को बालों से पोंछते जाना,
बाथरूम में सुतली बम पे अगरबत्ती लगाकर छुपाना,
और उसके फटने पे कितना मासूम बन जाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे' जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो गेम्स के पीरियड के लिए मास्टरजी को पटाना,
कार्य-अनुभव को टालने के लिए उनसे गिड़गिड़ाना,
जाड़ो में बाहर धूप में क्लास लगवाना,
और उनसे घर-परिवार के किस्से सुनते जाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो बेर वाली के बेर चुपके से चुराना,
लाल–पीला चूरन खाकर एक दूसरे को जीभ दिखाना,
खट्टी मीठी इमली देख जमकर लार टपकाना,
साथी से आइसक्रीम खिलाने की मिन्नतें करते जाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो लंच से पहले ही टिफ़िन चट कर जाना,
अचार की खुशबू पूरे क्लास में फैलाना,
वो पानी पीने में जमकर देर लगाना,
बाथरूम में लिखे शब्दों को बार-बार पढ़ के सुनाना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो परीक्छा से पहले गुरूजी के चक्कर लगाना,
लगातार बस इम्पोर्टेन्ट ही पूछते जाना,
वो उनका पूरी किताब में निशान लगवाना,
और हमारा ढेर सारे कोर्स को देखकर सर का चकराना...

😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो मेरे स्कूल का मुझे, यहाँ तक पहुँचाना,
और मेरा खुद में खो उसको भूल जाना,
बाजार में किसी परिचित से टकराना,
वो जवान गुरूजी का बूढ़ा चेहरा सामने आना...

ऐ दोस्त तुम सब अपने स्कूल एक बार जरुर जाना...
😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना...

स्त्री हूँ मैं
सब सम्भाल लेती हूँ।
आँगन की रंगोली हो..
या दफ्तर की फाइलें.,
परिवार की चिंता हो..
या बॉस की डाँट.,
साड़ी के पल्लू से बाँध लेती हूँ !!
स्त्री हूँ न, सब संभाल लेती हूँ !!

ननद के राज़,देवर की शरार

Show More

स्त्री हूँ मैं
सब सम्भाल लेती हूँ।
आँगन की रंगोली हो..
या दफ्तर की फाइलें.,
परिवार की चिंता हो..
या बॉस की डाँट.,
साड़ी के पल्लू से बाँध लेती हूँ !!
स्त्री हूँ न, सब संभाल लेती हूँ !!

ननद के राज़,देवर की शरारतें..
बच्चों की अठखेलियाँ, दादी माँ के नुस्खे.,
पति का प्यार,सास ससुर की देखभाल..
ऑफिस में दोस्तों संग धूम मचा लेती हूँ !!
स्त्री हूँ न, सब सम्भाल लेती हूँ !!

सखी की शादी..
ड्रेस डिज़ाइन या हेयर स्टाइल.,
पल में संवार देती हूँ.!
बच्चों के स्कूल प्रोजेक्ट..
पिया जी के मनपसंद खाने का स्वाद.,
चुटकियों में भाग दौड़ के..
सब काम बना लेती हूँ.,
स्त्री हूँ न , सब सम्भाल लेती हूँ !!

खुश होती हूँ, गर्व से झूमती हूँ..
अपनों की ख्वाहिशों में दुनिया सजा लेती हूँ.,
हाँ हर कदम पर मैं सब सम्भाल लेती हूँ !!

पर...... मैं भी टूटती हूँ..
बिखरती हूँ.,
कमज़ोर भी पड़ जाती हूँ..
काश! कोई मुझे भी संभाल ले..!
इस ख़्याल से नम पलकों को..
तकिए से बाँट फिर मुस्कुरा लेती हूँ !!
स्त्री हूँ न, सब संभाल लेती हूँ..!

गुलाबी आँखें, जो तेरी देखी, शराबी ये दिल हो गया
सम्भालो मुझको, ओ मेरे यारों, सम्भलना मुश्किल हो गया

दिल में मेरे, ख़्वाब तेरे, तस्वीरें जैसे हों दीवार पे
तुझपे फ़िदा, मैं क्यूँ हुआ, आता है गुस्सा मुझ

Show More

गुलाबी आँखें, जो तेरी देखी, शराबी ये दिल हो गया
सम्भालो मुझको, ओ मेरे यारों, सम्भलना मुश्किल हो गया

दिल में मेरे, ख़्वाब तेरे, तस्वीरें जैसे हों दीवार पे
तुझपे फ़िदा, मैं क्यूँ हुआ, आता है गुस्सा मुझे प्यार पे
मैं लुट गया, मान के दिल का कहा
मैं कहीं का ना रहा, क्या कहूँ मैं दिलरुबा
बुरा ये जादू तेरी आँखों का, ये मेरा क़ातिल हो गया
गुलाबी आँखें जो तेरी देखी...

मैंने सदा, चाहा यही, दामन बचा लूं हसीनों से मैं
तेरी क़सम, ख़्वाबों में भी, बचता फिरा नाज़नीनों से मैं
तौबा मगर, मिल गई तुझसे नज़र
मिल गया दर्द-ए-जिगर, सुन ज़रा ओ बेख़बर
ज़रा सा हँस के, जो देखा तूने, मैं तेरा बिस्मिल हो गया
गुलाबी आँखें जो तेरी देखी...

जगमगाती रहे चाँद सी रोशनी ।
नीला गगन संग अम्बार लेकर ।
रौनक भरे जिंदगी में गजल
ख़ुशियाँ लुटाये जग में नवी बन ।
नीले गगन से दिनकर भी पूछे
कैसी फ़िज़ा है मेरे यार की ।।
नीले गगन में मेंघों की गर्जन
खुशियाँ बिखेरे तबस्सुम के जैसी ।।
जीवन की नौका मचलती रहे
प्रेम की माँझी में नित संवरती रहे।।
जीवन भी मुस्कान बिखेरे फूल खिले।
रिमझिम सावन नीर मिले ।।

माँ की ममता सबसे प्यारी,
सारे जग में सबसे न्यारी,
सबके दिल को भाने वाली,
प्यार का मोल सिखाने वाली.
पिता का प्यार भी है अनोखा,
सारे जीवन को उमंगों से भरता,
हाथ पकड़कर चलना सिखाए,
जीवन की नयी राह दिखायें.
मात पिता की सेवा करना,
प्यार नम्रता में ही चलना,
सदाचार अपनाते रहना,
जीवन खुशियों से तुम भरना

मुझे नींद न आये, नींद न आये, नींद न आये
मुझे चैन न आये, चैन न आये, चैन न आये
मुझे नींद न आये हो
मुझे नींद न आये, मुझे चैन न आये
कोई जाये जरा ढूंढ के लाये
न जाने कहाँ दिल खो गया

हालत क्या है कैसे तुझे बत

Show More

मुझे नींद न आये, नींद न आये, नींद न आये
मुझे चैन न आये, चैन न आये, चैन न आये
मुझे नींद न आये हो
मुझे नींद न आये, मुझे चैन न आये
कोई जाये जरा ढूंढ के लाये
न जाने कहाँ दिल खो गया

हालत क्या है कैसे तुझे बताऊँ मैं
करवट बदल बदल के रात बिताऊँ मैं
पूछो ज़रा पूछो क्या हाल है, हाल मेरा बेहाल है
कोई समझ न पाए क्या रोग सताए
कोई जाये ज़रा ढूँढ...

जान से भी प्यारा मुझको मेरा दिल है
उसके बिना एक पल भी जीना मुश्किल है
तौबा मेरी तौबा क्या दर्द है, दर्द बड़ा बेदर्द है
कभी मुझको हँसाए, कभी मुझको रुलाये
कोई जाये ज़रा ढूंढ...
मुझे नींद न आये...

Message Pitara

जहाँ मिलें दो जवाँ नज़र होती तकरार वहीं है
दिल पर रख कर हाथ ये कह दो हमसे प्यार नहीं है
दिल की बातें दिलवाले नज़रों से ही पहचानते
लेकिन कुछ ऐसे हैं अनाड़ी जो ये भी नहीं जानते
ये पहले बताते, बारात ले के आते
हम प्यार करने वाले हैं कोई ग़ैर नहीं
हम तुम पे मरने वाले हैं कोई ग़ैर नहीं

Message Pitara

तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, तुम्हीं देवता हो
कोई मेरी आँखों से देखे तो समझे, कि तुम मेरे क्या हो

जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो
न जाने मगर किन खयालो में गुम हो
मुझे देखकर तुम ज़रा म

Show More

तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, तुम्हीं देवता हो
कोई मेरी आँखों से देखे तो समझे, कि तुम मेरे क्या हो

जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो
न जाने मगर किन खयालो में गुम हो
मुझे देखकर तुम ज़रा मुस्कुरा दो
नहीं तो मैं समझूंगी, मुझसे खफ़ा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...

तुम्हीं मेरे माथे की बिंदिया की झिलमिल
तुम्हीं मेरे हाथों के गजरों की मंज़िल
मैं हूँ एक छोटी-सी माटी की गुड़िया
तुम्हीं प्राण मेरे, तुम्हीं आत्मा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...

बहुत रात बीती चलो मैं सुला दूं
पवन छेड़े सरगम, मैं लोरी सुना दूं
तुम्हें देखकर ये ख़याल आ रहा है
के जैसे फ़रिश्ता कोई सो रहा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...

तू मेरी ज़िन्दगी है
तू मेरी हर ख़ुशी है
तू ही प्यार, तू ही चाहत
तू ही आशिकी है
तू मेरी ज़िन्दगी है...

पहली मोहब्बत का एहसास है तू
बुझके जो बुझ ना पाई, वो प्यास है तू
तू ही मेरी पहली ख्वाहिश, तू ही आखिरी है
तू मेरी ज़िन्दगी है...

हर ज़ख्म दिल का तुझे, दिल से दुआ दे
खुशियाँ तुझे, गम सारे मुझको खुदा दे
तुझको भुला ना पाया, मेरी बेबसी है
तू मेरी ज़िन्दगी है...

स्वागत! जीवन के नवल वर्ष
आओ, नूतन-निर्माण लिये,
इस महा जागरण के युग में
जाग्रत जीवन अभिमान लिये

Show More

स्वागत! जीवन के नवल वर्ष
आओ, नूतन-निर्माण लिये,
इस महा जागरण के युग में
जाग्रत जीवन अभिमान लिये

Following (0)

Followers (0)

Popular tags

Our Other Projects

Resume Creating
Resume Creating
Tourist Helps
Tourist Helps
All Exam Info
All Exam Info
Developer Wizard
Developer Wizard