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खाटू श्याम बाबा की कहानी .....🍁🍁🍁🍁
📢राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है|
खाटू श्याम बाबा कौन हैं :
खाटू श्याम जी का असली नाम बर्बरीक है. महाभारत की
खाटू श्याम बाबा की कहानी .....🍁🍁🍁🍁
📢राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है|
खाटू श्याम बाबा कौन हैं :
खाटू श्याम जी का असली नाम बर्बरीक है. महाभारत की एक कहानी के अनुसार बर्बरीक का सिर राजस्थान प्रदेश के खाटू नगर में दफना दिया था. इसीलिए बर्बरीक जी का नाम खाटू श्याम बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुआ. वर्तमान में खाटूनगर सीकर जिले के नाम से जाना जाता है. खाटू श्याम बाबा जी कलियुग में श्री कृष्ण भगवान के अवतार के रूप में माने जाते हैं.
खाटू श्याम बाबा की कहानी :
श्याम बाबा घटोत्कच और नागकन्या नाग कन्या मौरवी के पुत्र हैं. पांचों पांडवों में सर्वाधिक बलशाली भीम और उनकी पत्नी हिडिम्बा बर्बरीक के दादा दादी थे. कहा जाता है कि जन्म के समय बर्बरीक के बाल बब्बर शेर के समान थे, अतः उनका नाम बर्बरीक रखा गया.
बर्बरीक बचपन में एक वीर और तेजस्वी बालक थे. बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण और अपनी माँ मौरवी से युद्धकला, कौशल सीखकर निपुणता प्राप्त कर ली थी. बर्बरीक ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी, जिसके आशीर्वादस्वरुप भगवान ने शिव ने बर्बरीक को 3 चमत्कारी बाण प्रदान किए. इसी कारणवश बर्बरीक का नाम तीन बाणधारी के रूप में भी प्रसिद्ध है. भगवान अग्निदेव ने बर्बरीक को एक दिव्य धनुष दिया था, जिससे वो तीनों लोकों पर विजय प्राप्त करने में समर्थ थे.
जब कौरवों-पांडवों का युद्ध होने का सूचना बर्बरीक को मिली तो उन्होंने भी युद्ध में भाग लेने का निर्णय लिया. बर्बरीक अपनी माँ का आशीर्वाद लिए और उन्हें हारे हुए पक्ष का साथ देने का वचन देकर निकल पड़े. इसी वचन के कारण हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा यह बात प्रसिद्ध हुई.
जब बर्बरीक जा रहे थे तो उन्हें मार्ग में एक ब्राह्मण मिला. यह ब्राह्मण कोई और नहीं, भगवान श्री कृष्ण थे जोकि बर्बरीक की परीक्षा लेना चाहते थे. ब्राह्मण बने श्री कृष्ण ने बर्बरीक से प्रश्न किया कि वो मात्र 3 बाण लेकर लड़ने को जा रहा है ? मात्र 3 बाण से कोई युद्ध कैसे लड़ सकता है. बर्बरीक ने कहा कि उनका एक ही बाण शत्रु सेना को समाप्त करने में सक्षम है और इसके बाद भी वह तीर नष्ट न होकर वापस उनके तरकश में आ जायेगा. अतः अगर तीनों तीर के उपयोग से तो सम्पूर्ण जगत का विनाश किया जा सकता है.
ब्राह्मण ने बर्बरीक (Barbarik) से एक पीपल के वृक्ष की ओर इशारा करके कहा कि वो एक बाण से पेड़ के सारे पत्तों को भेदकर दिखाए. बर्बरीक ने भगवान का ध्यान कर एक बाण छोड़ दिया. उस बाण ने पीपल के सारे पत्तों को छेद दिया और उसके बाद बाण ब्राह्मण बने कृष्ण के पैर के चारों तरफ घूमने लगा. असल में कृष्ण ने एक पत्ता अपने पैर के नीचे छिपा दिया था. बर्बरीक समझ गये कि तीर उसी पत्ते को भेदने के लिए ब्राह्मण के पैर के चक्कर लगा रहा है. बर्बरीक बोले – हे ब्राह्मण अपना पैर हटा लो, नहीं तो ये आपके पैर को वेध देगा.
श्री कृष्ण बर्बरीक के पराक्रम से प्रसन्न हुए. उन्होंने पूंछा कि बर्बरीक किस पक्ष की तरफ से युद्ध करेंगे. बर्बरीक बोले कि उन्होंने लड़ने के लिए कोई पक्ष निर्धारित किया है, वो तो बस अपने वचन अनुसार हारे हुए पक्ष की ओर से लड़ेंगे. श्री कृष्ण ये सुनकर विचारमग्न हो गये क्योकि बर्बरीक के इस वचन के बारे में कौरव जानते थे. कौरवों ने योजना बनाई थी कि युद्ध के पहले दिन वो कम सेना के साथ युद्ध करेंगे. इससे कौरव युद्ध में हराने लगेंगे, जिसके कारण बर्बरीक कौरवों की तरफ से लड़ने आ जायेंगे. अगर बर्बरीक कौरवों की तरफ से लड़ेंगे तो उनके चमत्कारी बाण पांडवों का नाश कर देंगे.
कौरवों की योजना विफल करने के लिए ब्राह्मण बने कृष्ण ने बर्बरीक से एक दान देने का वचन माँगा. बर्बरीक ने दान देने का वचन दे दिया. अब ब्राह्मण ने बर्बरीक से कहा कि उसे दान में बर्बरीक का सिर चाहिए. इस अनोखे दान की मांग सुनकर बर्बरीक आश्चर्यचकित हुए और समझ गये कि यह ब्राह्मण कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है. बर्बरीक ने प्रार्थना कि वो दिए गये वचन अनुसार अपने शीश का दान अवश्य करेंगे, लेकिन पहले ब्राह्मणदेव अपने वास्तविक रूप में प्रकट हों.
भगवान कृष्ण अपने असली रूप में प्रकट हुए. बर्बरीक बोले कि हे देव मैं अपना शीश देने के लिए बचनबद्ध हूँ लेकिन मेरी युद्ध अपनी आँखों से देखने की इच्छा है. श्री कृष्ण बर्बरीक ने बर्बरीक की वचनबद्धता से प्रसन्न होकर उसकी इच्छा पूरी करने का आशीर्वाद दिया. बर्बरीक ने अपना शीश काटकर कृष्ण को दे दिया. श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को 14 देवियों के द्वारा अमृत से सींचकर युद्धभूमि के पास एक पहाड़ी पर स्थित कर दिया, जहाँ से बर्बरीक युद्ध का दृश्य देख सकें. इसके पश्चात कृष्ण ने बर्बरीक के धड़ का शास्त्रोक्त विधि से अंतिम संस्कार कर दिया.
महाभारत का महान युद्ध समाप्त हुआ और पांडव विजयी हुए. विजय के बाद पांडवों में यह बहस होने लगी कि इस विजय का श्रेय किस योद्धा को जाता है. श्री कृष्ण ने कहा – चूंकि बर्बरीक इस युद्ध के साक्षी रहे हैं अतः इस प्रश्न का उत्तर उन्ही से जानना चाहिए. तब परमवीर बर्बरीक ने कहा कि इस युद्ध की विजय का श्रेय एकमात्र श्री कृष्ण को जाता है, क्योकि यह सब कुछ श्री कृष्ण की उत्कृष्ट युद्धनीति के कारण ही सम्भव हुआ. विजय के पीछे सबकुछ श्री कृष्ण की ही माया थी.
बर्बरीक के इस सत्य वचन से देवताओं ने बर्बरीक पर पुष्पों की वर्षा की और उनके गुणगान गाने लगे. श्री कृष्ण वीर बर्बरीक की महानता से अति प्रसन्न हुए और उन्होंने कहा – हे वीर बर्बरीक आप महान है. मेरे आशीर्वाद स्वरुप आज से आप मेरे नाम श्याम से प्रसिद्ध होओगे. कलियुग में आप कृष्णअवतार रूप में पूजे जायेंगे और अपने भक्तों के मनोरथ पूर्ण करेंगे.
भगवान श्री कृष्ण का वचन सिद्ध हुआ और आज हम देखते भी हैं कि भगवान श्री खाटू श्याम बाबा जी अपने भक्तों पर निरंतर अपनी कृपा बनाये रखते हैं. बाबा श्याम अपने वचन अनुसार हारे का सहारा बनते हैं. इसीलिए जो सारी दुनिया से हारा सताया गया होता है वो भी अगर सच्चे मन से बाबा श्याम के नामों का सच्चे मन से नाम ले और स्मरण करे तो उसका कल्याण अवश्य ही होता है. श्री खाटू श्याम बाबा (Shri Khatu Shyam Baba ji) की महिमा अपरम्पार है, सश्रद्धा विनती है कि बाबा श्याम इसी प्रकार अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखें.🌹🌹🕉🙏
माटी का शरीर तेरा, एक दिन माटी में ही मिल जायेगा,
ले शरण बाबा “श्याम” की, तेरा जीवन सफ़ल हो जायेगा।।
।। जय श्री श्याम ।।
लोग कहते है अगर हाथों की लकीरें अधूरी हों तो
किस्मत अच्छी नहीं होती
लेकिन सर पर हाथ हो मेरे श्याम का
तो लकीरों की जरूरत नहीं होती।
।। जय श्री श्याम ।।
मोर छड़ी और काली कमली, होंठो पे मुस्कान है।
बिन मांगे जो भर देता झोली, ऐसा है हमारा श्याम।।
।। जय श्री श्याम।।
हाथ जोड़कर विनती करू, है करुणामय बाबा श्याम…
सुख में , दुख मे , हर घडी जपु तुमारा नाम ।
।। जय श्री श्याम ।।
साँसों की डोर तेरे हाथों में
तेरे हाथ में दिल की धड़कन
मतवाले साँवरे तेरे चरणों में
बीते सारा मेरा जीवन
।।जय श्री श्याम।।
मिश्री भी फीकी लगे अब, फीको गुड़ को स्वाद,
श्याम से प्रीत हुई जबसे और चखों प्रेम को स्वाद।
।। जय श्री श्याम ।।
वक्त गुजरता है गुजरने दो
मैं श्याम दरबार में आता रहुँ
वो नाम पुकारे जब भी मेरा
मैं हाजिरी अपनी लगाता रहुँ
।।जय श्री श्याम।।
हाथों में ले श्याम ध्वजा, मन में ले विश्वास,
लो चल चले हम खाटू धाम, अब पूरे होगी आस।
।। जय श्री श्याम ।।
जब से पकड़ा तूने हाथ मेरा, ज़िन्दगी खुशहाल हो बन गयी,
दौलत मिली मुझे तेरे नाम की, तेरे प्रेमियों के बीच मेरी भी पहचान बन गयी।
।। जय श्री श्याम ।।
➖बहुत सुन्दर प्रसंग रामचरितमानस➖
जब तें रामु ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए॥🚩
भुवन चारिदस भूधर भारी।
सुकृत मेघ बरष
➖बहुत सुन्दर प्रसंग रामचरितमानस➖
जब तें रामु ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए॥🚩
भुवन चारिदस भूधर भारी।
सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी॥🚩
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।
उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥🚩
मनिगन पुर नर नारि सुजाती।
सुचि अमोल सुंदर सब भाँती॥🚩
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती।
जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥🚩
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी।
रामचंद मुख चंदु निहारी॥🚩
मुदित मातु सब सखीं सहेली।
फलित बिलोकि मनोरथ बेली॥🚩
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ।
प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ॥🚩
भावार्थ:-जब से श्री रामचन्द्रजी विवाह करके घर आए, तब से (अयोध्या में) नित्य नए मंगल हो रहे हैं और आनंद के बधावे बज रहे हैं। चौदहों लोक रूपी बड़े भारी पर्वतों पर पुण्य रूपी मेघ सुख रूपी जल बरसा रहे हैं॥🚩
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।
उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥🚩
मनिगन पुर नर नारि सुजाती।
सुचि अमोल सुंदर सब भाँती॥🚩
भावार्थ:-ऋद्धि-सिद्धि और सम्पत्ति रूपी सुहावनी नदियाँ उमड़-उमड़कर अयोध्या रूपी समुद्र में आ मिलीं। नगर के स्त्री-पुरुष अच्छी जाति के मणियों के समूह हैं, जो सब प्रकार से पवित्र, अमूल्य और सुंदर हैं॥🚩
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती।
जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥🚩
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी।
रामचंद मुख चंदु निहारी॥🚩
भावार्थ:-नगर का ऐश्वर्य कुछ कहा नहीं जाता। ऐसा जान पड़ता है, मानो ब्रह्माजी की कारीगरी बस इतनी ही है। सब नगर निवासी श्री रामचन्द्रजी के मुखचन्द्र को देखकर सब प्रकार से सुखी हैं॥🚩
मुदित मातु सब सखीं सहेली।
फलित बिलोकि मनोरथ बेली॥🚩
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ।
प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ॥🚩
भावार्थ:-सब माताएँ और सखी-सहेलियाँ अपनी मनोरथ रूपी बेल को फली हुई देखकर आनंदित हैं। श्री रामचन्द्रजी के रूप, गुण, शील और स्वभाव को देख-सुनकर राजा दशरथजी बहुत ही आनंदित होते हैं॥🚩
➖जय हो प्रभु राम की➖जय हो राजाराम की➖
झुकजा श्याम चरण में प्यारे,
और कहीं ना झुकने देगा..
मन में है विश्वाश जो पक्का,
काम कभी ना रुकने देगा..
जय श्री श्याम।।।
आता हूँ "श्याम"... दर पर तेरे
अपना सर झुकाने को...।
सौ जन्म भी कम है...
एहसान तेरा चुकाने को ।।
🙏🏻🙏🏻जय श्री श्याम जी 🙏🏻🙏🏻
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🙏एक बार,एक'अत्यंत गरीब" महिला,जो "कान्हा" पर,बेइंतिहा "विश्वास"करती थी !!!
🙏अत्यंत ही,विकट स्थिति में आ गई !!!!!
🙏कई दिनों से खाने के लिए,पूरे परिवार को नहीं मिला !!!
🙏एक दिन,उसने रेडियो के
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🙏एक बार,एक'अत्यंत गरीब" महिला,जो "कान्हा" पर,बेइंतिहा "विश्वास"करती थी !!!
🙏अत्यंत ही,विकट स्थिति में आ गई !!!!!
🙏कई दिनों से खाने के लिए,पूरे परिवार को नहीं मिला !!!
🙏एक दिन,उसने रेडियो के माध्यम से,"कान्हा"को,अपना सन्देश भेजा, कि वह उसकी मदद करे !!!
🙏यह प्रसारण,एक"नास्तिक, घमण्डी,और अहंकारी"," उद्योगपति" ने,सुना !!!!
🙏और उसने सोचा कि, क्यों न, इस महिला के साथ, कुछ ऐसा "मजाक"किया जाये,कि उसकी "कृष्ण"के प्रति"आस्था", डगमगा जाये !!!!
🙏उसने,अपने"सेक्रेटरी"को कहा, कि वह,"ढेर सारा खाना"और"महीने भर का राशन",उसके घर पर,देकर आ जाये !!!!
🙏और जब वह महिला पूछे,किसने भेजा है ??? तो,कह देना,कि
"शैतान" ने भेजा है !!!
🙏जैसे ही,"महिला"के पास,सामान पंहुचा !!!! पहले तो,उसके" परिवार"ने,तृप्त होकर,भोजन किया !!!!
🙏फिर, वह सारा राशन,"अलमारी" में रखने लगी !!!
🙏जब,"महिला"ने पूछा नहीं कि, यह सब किसने भेजा है ????
🙏तो,"सेक्रेटरी"से रहा नहीं गया, और पूछा !!!!
🙏आपको क्या"जिज्ञासा" नहीं होती कि, यह सब किसने भेजा है ???
🙏👌उस"महिला" ने,"बेहतरीन" जवाब दिया !!!
🙏👌मैं इतना क्यों सोंचू,या पूंछू ????????
🙏👌मुझे, मेरे "कान्हा"पर,"पूरा भरोसा" है !!!!
🙏👌मेरा"कृष्ण",जब आदेश देता है, तो,"शैतानों"को भी,उस"आदेश"का, पालन करना पड़ता है!!
🍃🌹🙏जय बिहारी जी की 🙏🏻🌹🍃
🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒
तेरे प्यार मे दो पल की जिंदगी बहुत है ।
एक पल की हँसी और एक पल की खुशी बहुत है ।।
यह दुनिया मुझे जाने, या ना जाने ।
तेरी आँखे मुझे पहचाने यही बहुत है ।।
जय श्री श्याम
🙏दोस्तों रात सपने में दादीजी आई....
🙏दे गई भादी मावस की बधाई....
🙏मेंने कहा में अकेला नहीं हु माई....
🙏मेरे संग हे मेरा परिवार और इस ग्रुप के बहन और भाई...
🙏हे दादीजी दे दो उन सब के लिए भी बधाई....
🙏दादीजी ब
🙏दोस्तों रात सपने में दादीजी आई....
🙏दे गई भादी मावस की बधाई....
🙏मेंने कहा में अकेला नहीं हु माई....
🙏मेरे संग हे मेरा परिवार और इस ग्रुप के बहन और भाई...
🙏हे दादीजी दे दो उन सब के लिए भी बधाई....
🙏दादीजी बोली जो बोलेगा प्रेम से "जय दादी की" भाई....
🙏उनको मिल जाएगी घर बैठे बधाई.....
🙏जो भक्त मेरे द्वारे आकर, देगा अपनी धोक लगाईं.....
🙏उसके घर आनंद ही आनंद और आएगी खुशियाँ भाई.....
💞🌷जय श्री दादीजी की🌷💞
आप सभी भगतो को भादी मावस की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई माँ राणी सती दादी आप सभी भगतो की मनोकामनाएं पूर्ण करें यही दादी से प्रार्थना करता हूँ 🙏जय दादी जी की 🙏🌹🙏🏼
🙏दोस्तों रात सपने में दादीजी आई....
🙏दे गई भादी मावस की बधाई....
🙏मेंने कहा में अकेला नहीं हु माई....
🙏मेरे संग हे मेरा परिवार और इस ग्रुप के बहन और भाई...
🙏हे दादीजी दे दो उन सब के लिए भी बधाई....
🙏दादी
🙏दोस्तों रात सपने में दादीजी आई....
🙏दे गई भादी मावस की बधाई....
🙏मेंने कहा में अकेला नहीं हु माई....
🙏मेरे संग हे मेरा परिवार और इस ग्रुप के बहन और भाई...
🙏हे दादीजी दे दो उन सब के लिए भी बधाई....
🙏दादीजी बोली जो बोलेगा प्रेम से "जय दादी की" भाई....
🙏उनको मिल जाएगी घर बैठे बधाई.....
🙏जो भक्त मेरे द्वारे आकर, देगा अपनी धोक लगाईं.....
🙏उसके घर आनंद ही आनंद और आएगी खुशियाँ भाई.....
💞🌷जय श्री दादीजी की🌷💞
आप सभी भगतो को भादी मावस की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई माँ राणी सती दादी आप सभी भगतो की मनोकामनाएं पूर्ण करें यही दादी से प्रार्थना करता हूँ 🙏जय दादी जी की 🙏🌹🙏🏼